*नहाने का सही तरीका*
अपने देश भारत में नहाना एक दैनिक परम्परा में आता है, और अधिकांश लोग रोज नहाते भी है, परन्तु मुझे यह लिखना पड़ रहा है कि अधिकांश लोग बूढ़े हो जाते हैं, परन्तु उन्हें सही ढंग से नहाना नहीं आता है। इसी कारण हमें अक्सर सुनने में आता है कि फलां व्यक्ति को नहाते समय लकवा मार गया या हार्ट अटैक आ गया। असल में यह सही ढंग से न नहाने का परिणाम है। अधिकांश लोग नहाने का मतलब शावर के नीचे बैठ जाना या सीधे सिर पर पानी डालकर नहाने से है, जो सरासर ग़लत है, लकवा / हार्ट अटैक की संभावना इसी कारण बनती है।हमारे सिर में बहुत महीन रक्त नलिकाओं का जाल होता है, जिनका कार्य दिमाग को रक्त पहुंचाना होता है। यदि कोई व्यक्ति सीधे सिर में ठंडा पानी डालकर नहाना शुरू करता है, तो सिर की नलिकाएं सिकुड़ने या रक्त के थक्के जमने लग जाते हैं, जिस कारण लकवा / हार्ट अटैक की घटना घटित हो जाती है।
अब हम समझेंगे नहाने की सही टेक्निक।
आराम से बैठ कर नहाना चाहिए। नहाने की शुरुआत पैरों के पंजों पर पानी डालकर करना चाहिए। इसके पश्चात पिंडलियों पर पानी डालें व हाथ से पिंडलियों को मलते रहे।फिर घुटने पर, जांघों पर पानी डालें व हाथ से मलते रहे। अब हथेली में पानी लेकर पेट को रगड़िए। इसके बाद कन्धों पर पानी डाले । कंधों के बाद पीठ पर पानी डाले। इसके बाद दोनों हाथों पर पानी डालें व मलते रहे।अब आप अंजुली में पानी लेकर मुंह पर डालिए वाअब सिर पर पानी डालते हुए हथेली से थपथपाये।
अब आप नहाने के लिए वैज्ञानिक रूप से तैयार हो गए हैं।अब आप चाहें तो शावर के नीचे नहा सकते हैं, या पूरी बाल्टी पानी सिर में डालकर नहा सकते हैं।इस पूरी प्रक्रिया में कुछ मिनट ही लगते हैं, परन्तु इसे अपनाकर हम अनहोनी होने से बच सकते हैं।
यह तो हो गई नहाने की सही विधि, अब हम नहाने से संबंधित कुछ अन्य आवश्यक बातों को जानेंगे।
ठंडे सादे पानी से नहाना सर्वश्रेष्ठ माना गया है । अपनी अवस्था वा मौसम के अनुसार आप कुनकुने पानी से भी नहा सकते हैं, परन्तु ठंडे पानी से नहाना सर्वश्रेष्ठ है।
नहाने से पहले एक गिलास पानी पीना चाहिए, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है ।
सुविधानुसार आप दिन में कभी भी नहा सकते हैं, परन्तु सुबह का नहाना ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है।